30 जुलाई 2016

फ़ेसबुक से लङकी अपहरण


फेसबुक/ what's app पर मौजूद सभी महिलाएं एक बार यह कहानी जरूर पढ़ें । 

सलोनी ने आज कई दिनों के बाद फेसबुक खोला था । एग्जाम के कारण उसने अपने स्मार्ट फोन से दूरी बना ली थी । फेसबुक ओपन हुआ । तो उसने देखा कि 35-40 फ्रेंड रिक्वेस्ट पेंडिंग पड़ी थीं ।
उसने एक सरसरी निगाह से सबको देखना शुरू कर दिया । तभी उसकी नज़र एक लड़के की रिक्वेस्ट पर ठहर गई । उसका नाम राज शर्मा था । बला का स्मार्ट और हैंडसम दिख रहा था अपनी डी पी में । 
सलोनी ने जिज्ञासावश उसके बारे में पता करने के लिये उसकी प्रोफाइल खोल कर देखी । तो वहाँ पर उसने एक से बढ़कर एक रोमांटिक शेरोशायरी और कवितायें पोस्ट की हुई थीं । उन्हें पढ़कर वो इम्प्रेस हुए बिना नहीं रह पाई । और फिर उसने राज की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली । अभी उसे राज की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट किये हुए कुछ ही देर हुई होगी कि उसके मैसेंजर का नोटिफिकेशन ‘टिंग’ के साथ बज उठा । 
उसने चेक किया । तो वो राज का मैसेज था । उसने उसे खोलकर देखा । तो उसमें राज ने लिखा था - थैंक यू वैरी मच । 
वो समझ तो गई थी कि - वो क्यों थैंक्स कह रहा है ।
फिर भी उससे मज़े लेने के लिये उसने रिप्लाई किया -  थैंक्स किसलिये ?
उधर से तुरंत जवाब आया - मेरी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के लिये ।
सलोनी ने कोई जवाब नहीं दिया । बस एक स्माइली वाला स्टीकर पोस्ट कर दिया । और फिर मैसेंजर बंद कर दिया । वो नहीं चाहती थी कि एक ही दिन में किसी अनजान से ज्यादा खुल जाये । और फिर वो घर के कामों में व्यस्त हो गई ।
अगले दिन उसने अपना फेसबुक खोला । तो उसे राज के मैसेज नज़र आये । राज ने उसे कई रोमांटिक कवितायें भेज रखीं थीं । उन्हें पढ़कर उसे बड़ा अच्छा लगा । उसने जबाब में फिर से स्माइली वाला स्टीकर सेंड कर दिया ।
थोड़ी देर में ही राज का रिप्लाई आ गया । वो उससे उसके उसकी होवीज़ के बारे मे पूँछ रहा था ।
उसने राज को अपना संछिप्त परिचय दे दिया । उसका परिचय जानने के बाद राज ने भी उसे अपने बारे में बताया कि - वो MBA कर रहा है । और जल्दी ही उसकी जॉब लग जायेगी ।
और फिर इस तरह से दोनों के बीच चैटिंग का सिलसिला चल निकला ।
सलोनी की राज से दोस्ती हुए अब तक डेढ़ महीना हो चुका था । सलोनी को अब उसके मैसेज का इंतज़ार रहने लगा था । जिस दिन उसकी राज से बात नहीं हो पाती थी । तो उसे लगता था । जैसे कुछ अधूरापन सा है । राज उसकी ज़िन्दगी की आदत बनता जा रहा था । आज रात फिर सलोनी राज से चैटिंग कर रही थी ।
इधर उधर की बात होने के बाद राज ने सलोनी से कहा - यार हम कब तक यूँ ही सिर्फ फेसबुक पर बातें करते रहेंगे । यार मैं तुमसे मिलना चाहता हूँ । प्लीज कल मिलने का प्रोग्राम बनाओ ना ।
सलोनी खुद भी उससे मिलना चाहती थी । और एक तरह से उसने उसके दिल की ही बात कह दी थी । लेकिन पता नहीं क्यों, वो उससे मिलने से डर रही थी । शायद अंजान होने का डर था वो । 
सलोनी ने यही बात राज से कह दी -  अरे यार, इसीलिये तो कह रहा हूँ कि हमें मिलना चाहिये । जब हम मिलेंगे । तभी तो एक दूसरे को जानेंगे ।
राज ने उसे समझाते हुए मिलने की जिद की ।
- अच्छा ठीक है । बोलो कहाँ मिलना है ? लेकिन मैं ज्यादा देर नहीं रुकूंगी वहाँ । सलोनी ने बड़ी मुश्किल से उसे हाँ की ।
- ठीक है । तुम जितनी देर रुकना चाहो, रुक जाना । राज ने अपनी खुशी छिपाते हुए उसे कहा ।
और फिर वो सलोनी को उस जगह के बारे में बताने लगा । जहाँ उसे आना था ।
अगले दिन शाम को 6 बजे, शहर के कोने में एक सुनसान जगह पर एक पार्क, जहाँ पर सिर्फ प्रेमी जोड़े ही जाना पसंद करते थे । शायद एकांत के कारण । राज ने सलोनी को वहीं पर बुलाया था ।
थोड़ी देर बाद ही सलोनी वहाँ पहुँच गई ।
राज उसे पार्क के बाहर गेट के पास अपनी कार से पीठ लगा के खड़ा हुआ नज़र आ गया ।
पहली बार उसे सामने देख कर वो उसे बस देखती ही रह गई । वो अपनी फोटोज़ से ज्यादा स्मार्ट और हैंडसम था ।
सलोनी को अपनी तरफ देखता हुआ देखकर उसने उसे अपने पास आने का इशारा किया । उसके इशारे को समझकर वो उसके पास आ गई । और मुस्कुरा कर बोली - हाँ अब बोलो । मुझे यहाँ किसलिये बुलाया है ?
- अरे यार, क्या सारी बात यहीं सड़क पर खड़ी खङी करोगी । आओ कार में बैठ कर बात करते हैं ।
और फिर राज ने उसे कार मे बैठने का इशारा करके कार का पिछला गेट खोल दिया । उसकी बात सुनकर सलोनी मुस्कुराते हुए कार मे बैठने के लिये बढ़ी । 
जैसे ही उसने कार में बैठने के लिये अपना पैर अंदर रखा । तो उसे वहाँ पर पहले से ही एक आदमी बैठा हुआ नज़र आया । 
शक्ल से वो आदमी कहीं से भी शरीफ नज़र नहीं आ रहा था । सलोनी के बढ़ते कदम ठिठक गये । वो पलट कर राज से पूछने ही जा रही थी कि -  ये कौन है कि तभी उस आदमी ने उसका हाथ पकड़ कर अंदर खींच लिया । और बाहर से राज ने उसे अंदर धक्का दे दिया ।
ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि वो संभल भी नहीं पाई । और फिर अंदर बैठे आदमी ने उसका मुँह कसकर दबा लिया । ताकि वो चीख ना पाये । और उसके हाथों को राज ने पकड़ लिया ।
अब वो ना तो हिल सकती थी । और ना ही चिल्ला सकती थी । और तभी कार से दूर खडा एक आदमी कार में आ के ड्राइविंग सीट पर बैठ गया । और कार स्टार्ट करके तेज़ी से आगे बढ़ा दी । पीछे बैठा आदमी जिसने सलोनी का मुँह दबा रखा था । वो हँसते हुए राज से बोला - वाह असलम भाई, वाह..मज़ा आ गया..आज तो तुमने तगड़े माल पर हाथ साफ़ करा है । शबनम बानो इसकी मोटी कीमत देगी ।
उसकी बात सुनकर असलम उर्फ़ राज मुँह ऊपर उठा कर ठहाके लगा के हंसा । उसे देख कर ऐसा लग रहा था । जैसे कोई भेड़िया अपने पंजे में शिकार को दबोच के हँस रहा हो ।
फ़िर वो कार तेज़ी से शहर के बदनाम इलाके जिस्म की मंडी की तरफ दौङने लगी ।
ये कोई कहानी नहीं बल्कि सच्चाई है । छत्तीसगढ़ की सलोनी, जो मुम्बई से छुड़ाई गई है ।
सलोनी की ये कहानी उन लड़कियों को सबक देती है । जो सोशल मीडिया से अनजान लोगों से दोस्ती कर लेती हैं । और अपनी जिंदगी गंवा लेती हैं ।

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साभार - एक फ़ेसबुक वाल से ही ।