22 अगस्त 2011

भगत सिंह पन्थी जी ! मैं सचमुच भावुक हो गया - विनोद त्रिपाठी

वाह... भईयाआआआअ । स्वर्ग से सुन्दर हमरा गाँव । राजीव बादशाह ! आज कोई खास लेख तो नहीं भेज रहा । लेकिन बस तुमसे ऐसे ही जरा बातचीत करने को बहुत दिल कर रहा था । तुम्हारे लेख पढता रहता हूँ । तो मैं दुविधा में फ़ँस जाता हूँ ।
बडे अलग अलग किस्म के लेख हैं । तुम्हारे ब्लाग्स में । कही पर सवाल 1 और जवाब 2 । और कहीं पर सवाल 2 और जवाब 1 ।
खैर.. मुझे बडी खुशी हुई कि कोई " भगत सिंह पन्थी " नाम का शालीन नौजवान मेरे लेखों पर अपने विचार पेश करता है । साथ में मेरे से मिलना भी चाहता है । मुझे बडी खुशी हुई कि मेरे जैसे को भी कोई नौजवान प्यार से मिलना चाहता है । मैं सचमुच भावुक हो गया ।

भगत सिंह पन्थी जी के लिये मेरा सन्देश है कि अगर कभी हमारी किस्मत में मुलाकात होनी लिखी हुई । तो जरुर हो जायेगी । मैं तो भगत सिंह पन्थी जैसे नौजवान की ही कदर करता हूँ ।
खैर.. मैं अब जैसा भी हूँ । कैसा भी हूँ । लेकिन मैं असल में सिर्फ़ असली शरीफ़ और शराफ़त की ही कदर करता हूँ । सच कहूँ । तो मैं अपने भारत में और खास कर हमारे मध्य प्रदेश में भगत सिंह पन्थी जैसे नेक युवाओं को ही अच्छे पदों पर देखना चाहता हूँ ।
ताकि देश की व्यवस्था उचित राह पर जाये । कसम से भगत सिंह पन्थी जी दिल से कह रहा हूँ । मजाक मत समझना । आपके विचार पढकर सच में बहुत अच्छा लगा । भगवान तुम्हें खुश रखे ।
वैसे राजीव राजा ! मैं अपनी दिनचर्या के चलते तुम्हें रोज लेख लिखकर नहीं भेज पा रहा । वैसे मैं कई किस्म के टापिक्स पर छोटे बडे लेख लिख सकता हूँ । लेकिन मुझे तुम्हारे सिवाय किसी और ब्लाग या व्यक्ति के लिये कुछ भी लिखना अच्छा नहीं लगता ।

बस पता नहीं । तुम्हारे ब्लाग से कैसे मैं जुड गया । किसी अन्य ब्लाग पर तो मैं सिर्फ़ ठरक भोरने जाता हूँ । क्यूँ कि ठरक भोरने के लिये ही होती है ।
खैर.. तुम भी कौन सा कम हो । तुम भी पुराने पापी हो । लेकिन मैं इस बात पर भी नजर रखता हूँ कि कौन तुम्हारे ब्लाग की तारीफ़ करता है । और कौन ज्यादा लेफ़्ट राईट करता है । जो तुम्हारे ब्लाग की तारीफ़ करते हैं । उनकी तो मैं करुँगा । लेकिन जो तुम्हारे ब्लाग की तारीफ़ नहीं करते । उनकी भी मैं करुँगा - सेवा । क्यूँ कि सेवा करना तो मेरा फ़र्ज है ।
खैर राजीव राजा ! अब जरा काम की बात करें । मैं लिखने को तो बहुत से टापिक्स पर लिख सकता हूँ । धार्मिक लेख भी लिख ही लूँगा । सामाजिक लेख भी लिख सकता हूँ ( लेकिन अपने स्टायल में )
राजनीति पर भी चूना लगा सकता हूँ । आर्थिक क्षेत्र में भी थूक लगा सकता हूँ । शारीरिक कसरत व्यायाम पहलवानी पर भी लिख सकता हूँ ( उसका तो मैं खुद भी बेहद 

शौकीन हूँ ) अश्लीलता पर भी लिखकर प्याज पर नींबू निचोड सकता हूँ । बच्चों पर भी थोडा बहुत लिख सकता हूँ ।
नौजवान मुस्टण्डों की भी पोल खोल सकता हूँ । महिलाओं पर तो मैं विशेष से भी विशेष लेख लिख सकता हूँ । बूढों के बारे में क्या लिखना । मारो गोली सालों को ।
राजीव राजा ! अब तुम सोचते होगे कि अंकल जी ! आप तो छुपे रुस्तम हो । हाँ बेटा ! मैं छुपा रुस्तम ही हूँ । क्यूँ कि मैं बेशक रहता भोपाल में हूँ । लेकिन मैं बेसिकली मध्य प्रदेश के " मन्दसौर " जिले से सम्बन्धित हूँ । रावण की पत्नी " मन्दोदरी " मन्दसौर की ही रहने वाली थी 

। इसलिये जहाँ के हम हैं । वो इलाका किसी युग में लंका के रावण का ससुराल था । और मेघनाद का ननिहाल था । इसलिये लंका का रावण मेरी दूर की रिश्तेदारी से फ़ूफ़ा लगता है ।
खैर.. राजीव राजा ! समझ नहीं आ रहा । ये क्या चल रहा है ? कहते हैं कि अन्ना हजारे का अनशन जोरों पर है । नारेबाजी हो रही है - ये अन्ना की आँधी है । अन्ना दूसरा गाँधी है ।
लेकिन अन्ना तो रोज नींबू पानी पी रहा है । उसको ग्लूकोस कभी लगा देते हैं । कभी उतार लेते हैं । शायद चुपचाप किसी तरीके से कोई दवाई वगैरह भी दे देते हों । डाक्टरों की टीम हमेशा उसके आस पास ही रहती है । अन्ना हजारे भी आराम से पंखा लगाकर बैठे हैं । जनता भी वहाँ बैठी है । पूरा इंतजाम है ।
वहाँ चावल । दाल । आलू की सब्जी और पूरियाँ बन रही हैं । वहाँ और भी कुछ सुविधायें है ( रोज की प्राकृतिक

दिनचर्या से सम्बन्धित )
ये सब मैं अपनी तरफ़ से नहीं कह रहा । रोज टी वी पर ये दर्शाया दिखाये जाते हैं । वैसे बाबा रामदेव को अन्दर से झटका जरुर लगा होगा । क्यूँ कि फ़रवरी 2010 से बाबा रामदेव बहुत गला फ़ाड फ़ाड कर चीख रहा था ।
लेकिन बाबा रामदेव का प्रोग्राम फ़ेल हो गया । और बडे ही साधारण और नाटकीय ढंग से अन्ना हजारे का प्रोग्राम हिट हो गया । अब अन्ना हजारे मुख्य है । और बाबा रामदेव पीछे की लाइन में लग गया । कल या परसों टी वी पर ये भी कहा जा रहा था कि अब अन्ना हजारे पर बालीवुड में फ़िल्म बनेगी ।
उस फ़िल्म में अन्ना हजारे का रोल अनुपम खैर करेगा । खैर.. अब बात खत्म

करें । मुझे मेरा मित्र " वेद प्रकाश शर्मा " ( जो हमारे कालेज में राजनीति शास्त्र का प्रोफ़ेसर है ) पूछता ।
त्रिपाठी जी ! सच बताना । आप किसकी तरफ़ हैं । अन्ना हजारे की तरफ़ या मनमोहन सिह की तरफ़ ? मैंने फ़िर उसे जोरदार जवाब दिया । मैंने कहा - सुनो भईया ! मैं न तो अन्ना शन्ना की तरफ़ हूँ । और न ही मनमोहन की तरफ़ । और सुन । न तो मैं बाबा रामदेव की तरफ़ हूँ । और न ही राहुल गाँधी की तरफ़ । मैं तो सिर्फ़ और सिर्फ़ सोनिया गाँधी की तरफ़ हूँ । अब जो करना है । कर लो ।
************
सभी चित्र और लेख के प्रस्तुतकर्ता - श्री विनोद त्रिपाठी । प्रोफ़ेसर । लाला लाजपत राय नगर । भोपाल । मध्य प्रदेश । ई मेल से ।
- त्रिपाठी जी ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद । 

कोई टिप्पणी नहीं: