17 जून 2011

मैं मौत से नहीं डरता

पिछले 1 साल से बाबा जी कह रहे थे कि - मुझे मौत आ नहीं सकती । बीमारी मुझे कोई मार नहीं सकती । मैं तो कैंसर का इलाज भी कर सकता हूँ ।
******
मौत तो बृह्मा विष्णु महेश को भी नहीं छोङती । इन्द्र आदि देवताओं को भी नहीं छोङती । बीमारी भी अच्छे अच्छे सिद्ध आयुर्वेदाचार्यों को भी लग जाती है । बस ये लोग आम की जगह खास होते हैं । अतः प्रभावित होने के चांस 30% ही होते हैं ।
कैंसर का इलाज सदियों पहले से ही आयुर्वेद में कई तरीकों से लिखा है । काली गाय का सुबह 4 बजे लगभग का पहला मूत्र पीना । गाय का पंचगव्य । और उसके गोबर कुंड में आधा घंटे ( सहन शक्ति के अनुसार ) तक बैठना । तथा पथ्य अनुसार पौष्टिक भोजन । कैंसर की प्रारम्भिक अवस्था में शुद्ध ताजा दही और लाल हरी मिर्च खाते रहना बेहद लाभदायक है । प्रत्येक रोग का इलाज संभव है । हाँ भोग का इलाज नहीं होता । परन्तु सत्यनाम भक्ति से कठिन भोग क्षीण होकर ना के बराबर रह जाता है ।
यहाँ शायद बाबा रामदेव जी अपने आपको भीष्म पितामह समझ रहे थे ।
*******
भीष्म पितामह को अमरता नहीं । इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था । वो अपनी इच्छानुसार मृत्यु समय का चयन

कर सकते थे । सिर्फ़ सन्तों योगियों की मृत्यु नहीं होती । भीष्म वसु ( एक प्रकार का देवता ) थे । और शाप के तहत आये थे । ऐसे ही कर्ण अभिमन्यु विदुर आदि बहुत लोग आये । ऊपर जो देवताओं की मृत्यु लिखी है । उन्हें समय पूरा  हो जाने पर 84 में गिरा दिया जाता है ।

उस दिन पुलिस पकडने आयी । तब बाबा जी सफ़ेद रंग का सलवार कमीज ( औरतों वाला ) पहन कर भागने लगे थे । लेकिन बाबा रामदेव अक्सर कहते थे कि - मैं मौत से नहीं डरता ।
*******
अब मैं क्या कहूँ भाई - प्रियतम को अपने रिझावे को । वो सुरमा लगाय रही खङी खङी । कालबली ने दयो तमाचो । सुरमादानी पङी रही । अच्छे अच्छे सूरमाओं की निकल जाती है । क्या ? आप समझ ही गये होंगे ।
2010 में तो लोग बाबा रामदेव को महात्मा गाँधी का अवतार या पुनर्जन्म बता रहे थे । ये भी सुनने में आया है कि आस्था चैनल बाबा रामदेव के जो गुप्त सहयोगी ( कुछ बडे लोग ) हैं । उनका निजी है । बाबा रामदेव की बहुत सी दवाईयो की फ़र्में हैं । यहाँ तक कि उनकी फ़र्म इंगलेंड में भी है । आजकल बाबा आने वाले दिनो में रूस जाना चाहते है ?
********
यार ! आप लोगों के पास हम बाबाओं की बुराई के अलावा और कोई काम नहीं है क्या ? अब कल को मैं भी जीवों को चेताने विदेश गया । तो मुझसे भी कहोगे । ब्लाग से लोगों को पटा पटाकर राजीव बाबा विदेश घूम रहा है ।
आस्था चैनल या कोई अन्य चैनल या कोई टाटा बिरला अम्बानी की कंपनियाँ इनके शेयर होते हैं । उन्हीं शेयर के % के आधार पर स्वामित्व बनता है । अब रामदेव जी या उनसे जुङे लोगों के पास जितने शेयर होंगे । उस हिसाब से उनका महत्व होगा ही । ये भी छोङो । तो बाबा रामदेव चैनल के टाइम स्लाट के बिग कस्टमर हैं । इस हिसाब से भी उनका महत्व बनता है - समरथ को नहिं दोष गुसाईं ।
क्या आपको मालूम है कि ZEE के सुभाष चन्द्रा जी ने अपने एस्सेल वर्ल्ड के बिग्यापन करने का खर्चा और 2 घंटे का चैनल खोलने के खर्च की जब तुलना की । तो उन्हें चैनल सस्ता लगा । और उन्होंने निजी चैनल खोल लिया - एस्सेल वर्ल्ड में रहूँगा मैं । घर नहीं जाऊँगा मैं । ये बङे लोगों के बङे खेल हैं भाई ।

********
जब अनशन चल रहा था । तब कोई कहता था कि बाबा रामदेव की स्थिति ठीक है । कोई कहता था कि बाबा " कोमा " में भी जा सकता है । आजकल.. बिल्कुल जी आजकल कभी खबर आती है कि बाबा रामदेव और बालकृष्ण जी डरे हुए हैं । वो दोनों कह रहे है कि उन दोनों की जान को खतरा है । और उनकी हत्या की प्लेनिंग की जा रही है ।
*********
सब बेकार की बातें ।
अब ये ही रामदेव जी 2010 में कहते थे कि - मैं मौत से नही डरता । लेकिन आज दोपहर में बाबा रामदेव का मैंने लाइव टेलिकास्ट बयान सुना । बाबा रामदेव कह रहा है - मैंने देश के हित के लिये अनशन तोडा । लेकिन अब मैं सत्याग्रह करुँगा । मैं भारत को आध्यात्मिक महाशक्ति बनाकर ही छोङूँगा ।
*********
इस प्रश्न का उत्तर मेरे दिमाग में अलग और विस्तार वाला आया है । अतः लगभग 20 दिन बाद ।

अब बाबा रामदेव के फ़िर से बयान आने शुरु हो गये हैं । लगता है - अब फ़िर रोज कोई न कोई भाषण रामदेव का आने लगेगा । बाबा रामदेव कब सुधरेगा ?
**********
मैंने कहा था । बाबा की अगली भूमिका बाबा टायप राजनीतिग्य की होगी । उसी के ट्रेलर आप देख रहें है । फ़िल्म का इंतजार करिये । ए बिग फ़्लाप मूवी ।
बाबा रामदेव ने गलती से फ़िर एक ऐसा बयान दे दिया । जिस पर उन पर केस दर्ज हो सकता है । सुनिये उन्होंने क्या कहा - मैं अब देश के नौजवानों को शास्त्र विध्या और शस्त्र विध्या साथ साथ दूँगा । मैं देश के नौजवानों की 1 फ़ौज तैयार करूँगा ।
***********
सारी दोस्तों ! मगर आम पब्लिक की एक खासियत होती है कि वह अक्सर भेङचाल का शिकार होती है । और ये बीमारी एक पापुलर फ़िल्मी गाने पर । फ़ैशन पर । हर बात पर लागू होती है । एक गाना हिट हो जाये । तो पूरे देश में वही सुनाई देता है । एक समय बाबा रामदेव की जय जयकार थी । तो आज धिक्कार है । आखिर रामदेव एक इंसान ही है । आत्मग्यानी नहीं ।
बाबा रामदेव के पास आज की तारीख में एक सशक्त तंत्र मौजूद है । और विश्व स्तर का व्यक्ति ऐसी पागलपन की

बात हरगिज नहीं करेगा कि उस पर केस ही हो जाये । गार्ड.. बाडी गार्ड के रूप में प्रायवेट तौर पर प्रशिक्षण गैरकानूनी नहीं हैं । वाकायदा इसके लिये कोचिंग सेंटर मौजूद हैं । और स्वस्थ तन्दुरस्त लङकियाँ तक इस क्षेत्र में कार्य कर रही हैं । अभी मान लो । बाबा कानून की किसी धारा का सहारा लेकर देशभक्ति के नाम पर या आत्मरक्षार्थ हेतु । या अपने आश्रम आदि की सुरक्षा हेतु लङकों को व्यक्तिगत तौर पर ऐसा प्रशिक्षण दिलवाये । तो इसमें क्या गैरकानूनी होगा ? फ़िर वकीलों की फ़ौज किसलिये है ?
दूसरे भारी थू थू के बाबजूद अब भी बाबा के समर्थक लाखों में है । इस बेरोजगार भारत में बाबा को सस्ते वेतन पर हजारों लोग आसानी से मिल जायेंगे । तथा ट्र्स्ट से जुङी एक यूनिट बनाकर इस तरह की व्यवस्था करना कोई बङी बात नहीं । अतः कुछ किन्तु परन्तु लगकर हर बात लीगल हो जाती है । एक कानून को दूसरे कानून से ही तोङा जाता है ।


अब यहाँ सवाल खडा होता है कि बाबा रामदेव को आजाद देश में निजी फ़ौज ( वो भी हथियार बन्द ) हजारों की तादाद में बनाने या रखने की इजाजत कौन देगा ? कौन से नौजवान हथियारों की सिखलाई लेंगे । बाबा रामदेव सिखलाई के लिये सिखाने वाले लोग कहाँ से लायेगा । पैसा कहाँ से आयेगा । हथियार कहाँ से और कैसे और कितने खरीदे जायेंगे । किस प्रांत या जगह पर लडकों को बन्दूक चलानी या बम्ब फ़ोडना सिखाया जायेगा ।
*********
आपका कुछ उत्तर तो ऊपर है ही । आप सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी के बारे में जानते हैं । जिसमें खुद का लायसेंसी रिवाल्वर या रायफ़ल होने पर आठ से दस हजार की नौकरी मिल जाती है । दूसरे बाबा जिस जाति से ताल्लुक रखते हैं । उनके पास लायसेंसी हथियारों की भरमार है । और सिखाने के लिये एक प्रशिक्षण केन्द्र वैधानिक तरीके से कहीं भी बना लेना । और फ़िर उसमें निशानेबाजी । तीरदांजी । कुंगफ़ू कराटे आदि सिखाने की व्यवस्था कर लेना । बाबा रामदेव के लिये चुटकी बजाने जैसा होगा । कालेज में भी तो NCC में बंदूक चलाना सिखायी जाती है । अब बाबा ने एक मोटे अन्दाज में एक बात कही थी । उसके सभी पहलूओं का खुलासा तो नहीं किया था ।

बाबा रामदेव ने कहा है कि - मैं कम से कम 11000 नौजवानों की हथियार बन्द सेना तैयार करुँगा । क्या बाबा रामदेव दूसरा ओसामा बिन लादेन बनना चाहता है । पिछला इतिहास उठाकर अगर देंखे । तो ये जितने ऐसे लोग थे । जो धर्म के नाम पर आतंकवाद करने चले थे । चाहे ओसामा या भिंडरावाला । सब ... की मौत मारे गये । लेकिन दुनियाँ को फ़िर भी नहीं अक्ल आयी ।
**********
मैंने हमेशा कहा । दूसरे पक्ष की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है । बाबा रामदेव ऐसा भी करते रहें । तो सरकार कुछ तो टायट रहेगी । जनता में जागरूकता पैदा होगी । और तब ऐसे सुधारक अन्य लोग भी सामने आ सकते हैं । बाबा लादेन जैसी घटिया सोच का नहीं है ।
हरिद्वार में जो आश्रम के नाम पर काफ़ी सारी जमीन है । वो भी BJP ने बेहद सस्ते दाम पर आश्रम को दिलवाई थी । क्युँ कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखन्ड में  BJP  है ।
***********
जब भी कोई रजिस्टर्ड संस्था किसी भी प्रकार का सामाजिक भलाई का कार्य करती है । तो संविधान के

नियमानुसार उसे 1 या 2 रुपये वर्ग मीटर की दर से या फ़िर नाममात्र मूल्य पर जमीन उपलब्ध कराने का नियम होता है । इसके लिये संस्था कम से कम 10 साल पुरानी हो । उसकी उपलब्धियों आदि के प्रमाणिक दस्तावेज उपलब्ध हों । फ़िर रामदेव की संस्था तो विश्व स्तरीय है । अतः ऐसी जमीन मिलना गलत नहीं है । हाँ ये बात अलग है । मनचाहे स्थान पर । मनमाने तरीके से जमीन देना गलत है । यदि कोई भी व्यक्ति आज वन संरक्षण । वन पशु संरक्षण आदि जैसी जरूरतों पर ईमानदारी से कार्य करता है । तो सरकार की तरफ़ से उसे पूरा सहयोग मिलता है । इस तरह की हजारों लाभदायक योजनायें होती हैं । जिन्हें आम छोङो । खास लोग भी कम ही जानते हैं ।
लघु सिंचाई विभाग की पूरी योजना रूपरेखा सिर्फ़ एक व्यक्ति के दिमाग से पैदा हुयी थी । आज ये सरकारी विभाग है । वही व्यक्ति उस विभाग का चीफ़ नियुक्त हुआ था । अतः पब्लिक की ना जानकारी की वजह से ऐसी बातें पैदा हो जाती हैं । फ़िर ऐसी जमीन सिर्फ़ रामदेव नहीं कितने लोग लिये बैठे हैं । बाबा रामदेव ने फ़िर भी उनसे अच्छा काम किया है ।

हम सब दोस्त तो ये चाहते हैं कि - इस इंडिया में सब हिन्दू । सिख । मुस्लिम और ईसाई एक बढिया परिवार की तरह रहें । अब हम सब भारतवासियों को चाहिये कि इन राजनीतिक चालों के चक्कर में ना आये ।
***********
तब इसके लिये बाबा रामदेव का नहीं । राजीव बाबा का फ़ार्मूला ही काम करेगा । सनातन धर्म । जाति मनुष्य । और एक अविनाशी परमात्मा की भक्ति ।

राजनीति ने ही पाकिस्तान बना दिया । राजनीति के कारण बांग्ला देश अलग हुआ । कहते हैं कि पुराने समय में ये भारत की हद अफ़गानिस्तान तक थी । अफ़गानिस्तान में जो काबुल और कन्धार जगह है । महाभारत के समय में इस कान्धार को गंधार कहा जाता था । जहाँ की राजकुमारी गंधारी ( दुर्योधन की माँ ) थी । तभी तो शकुनी को गंधार नरेश बोला जाता था । भारत की हद बर्मा तक भी थी । नेपाल का भी शायद कुछ हिस्सा भारत के अंतर्गत ही आता था । अनुचित राजनीति ने आधुनिक भारत को क्या दिया ? नक्शा आपके सामने हैं ।
***********
आपकी जानकारी बिल्कुल सही है । इससे भी आगे पहले चक्रवती राजा होते थे । पूरा विश्व ही जिनके अधीन होता था ।
लगे हाथ ये भी बता दीजिये कि आप 2 प्रेत कहानियाँ लिख रहे थे । वो दोनों प्रेत कहानियाँ कब तक छप जायेंगी ? राजपुरा से सुभाष और रजत ( साथ में नीशु । शालु । वरुण । दीपक । जतिन । कपिल । नितिन । अतुल । राहुल । रोहित और अंकुर भी )
***********
कार्य प्रगति पर हैं । पर सरकार भारत की है । जैसे ही सरकार महँगाई गरीबी दूर कर देगी । कहानी भी छप जायेगी । बाबा के पेट का सवाल है भाई ।

मेरी बात - क्या निम्नलिखित को अध्यात्म में जानना चाहेंगे । मगर मुझे थोङा फ़ुरसत होने पर । तव तक आप सोचो । इसमें बहुत बङा रहस्य है । या बाबा रामदेव से पूछो ।
Atom comprise-Nucleus+ Electrons around nucleus. Nucleus= Neutrons+Protons.
Electrons circulate around nucleus. Atomic Wt.=Neutrons+Protons
At. No.= No. of protons.
Many atoms combined to form molecule.
H atom+ H atom= H2 Molecule
According to old concept electron circulate in circular orbits around nucleus but according to new concept there is a 3D space around nucleus in which the probability of finding the electrons is maximum.
बुरा बुरा छोङ देना । अच्छा अच्छा अपना लेना । बन्दे तू हरि नाम जपना । क्योंकि जीवन बस एक सपना ।

1 टिप्पणी:

निर्मला कपिला ने कहा…

बाबाओं के कच्चे चिठे एक एक कर सामने आ रहे हैं कल एक और बाबा के निज़ी कक्ष से जो मिला देख कर सिर शर्म से झुक ग्या लोगों के धनमोह त्यागने की शि़अ दे कर खुद दौलत सोने चाँदी के ढेर पर बैटःाते हैं। अच्छी पोस्ट। आभार।