17 दिसंबर 2010

डर के मारे कोई जाने को तैयार ही नहीं होता ।

roop_kaur पोस्ट " पर ठगे जाने वाले अन्धे हैं क्या ? " पर ।
rajeev ji ye shaitaan ya devil ka astitav hai kya?( तमोगुण वाली बडी शक्तियां ही शैतान या डेविल हैं । इसी तरह की साधना करने वाले भोग ऐश की इच्छा रखकर दुष्ट भाव को त्यागे बिना साधना में सफ़लता प्राप्त कर लेते हैं । वो रावण आदि जैसे शैतान बन जाते हैं । इनके मेन गुरु शुक्राचार्य हैं । जिस प्रकार एक आदमी बहुत धन कमाकर सज्जनता से लोगों को सुख पहुंचा सकता है । उसी प्रकार दुष्ट बिना वजह के दुख भी पहुंचाते हैं । ) rajeev ji, hum gharon mein dekhte hain ki agar maa baap aastik hain to bacche naastik hain.( अपने कर्म संस्कार योग के कारण । रावण और कंस दोनों के ही पिता बेहद सज्जन और धर्मात्मा थे । ) agar maa baap naastik hain to koi baccha aastik paida ho jata hai.to kya wo sirf karm sanjog se 1 dusre ke rishtedaar bante hain present life mein. ( यह एक प्रकार से पिछले जन्म का लेन देन होता है । जिसका जहां जितना दाना पानी होता है । वह उतने ही समय तक टिक पाता है । पति पत्नी तक चाहे पास या दूर रहें । वह आपस में सम्भोग आदि या अन्य सुख दुख एक दूसरे को उतना ही दे सकते हैं । जितना कर्म में लिखा हैं । उदाहरण राम सीता धनी और पावरफ़ुल होने के बाबजूद पूरे जीवन दुखी रहे । उनके जीवन में पति पत्नी की तरह साथ रहने का सुख भी नहीं था । ) aapne kaha tha ki aad shakti ( अष्टांगी कन्या देवी में सबसे पावरफ़ुल है । )brahma,vishnu and mahesh ki maa hai. to kya devi shakti devtaon se badkar hai means more powerful. ( अन्य देवियां कुछ छोटी और कुछ बडी होती हैं । किसी आत्मा ने साधना में क्या और कैसी कमाई की । उसी हिसाब से उसे पद प्रतिष्ठा और पावर मिलती है । यही इंसान के जीवन में होता है । ) rajeev ji, kya suksham body light year ki speed se chalti hai jaise abhi 1 pal mein india to dusre pal america bhi ho sakti hai? ( सूक्ष्म बाडी या दिव्य शरीर अनेक प्रकार के होते हैं । एज ए कार या प्लेन । किसी की स्पीड कम किसी की बहुत ज्यादा होती है । उदाहरण । एक प्रेत की स्पीड कम । अप्सरा की उससे ज्यादा । देवता की उससे भी ज्यादा । संत की उससे भी ज्यादा । यहां एक विशेष बात ये है । कि हरेक दिव्य आत्मा भी अपने अधिकार क्षेत्र के अनुसार ही लोकों में भृमण हेतु जा सकती हैं । सभी लोकों में नहीं । मीन जहां का पासपोर्ट वीजा उसके पास हो । ) and suna hai ki paap punya ka bhi byaaz lagta hai.is it true? ( अनजाने में हुये का हजार गुना । जाने में किये का लाख गुना । अर्थ पर भी यदि कोई भावावेश में या गलती से हत्या कर दे । तो उसे आजीवन कारावास और खूब जानबूझ कर करे । तो फ़ांसी होती है । क्राइमर की मर्सी अपील में प्रेसीड्डेंट इसी प्वाइंट के बेस पर फ़ैसला करते हैं । ) kuch log ye bhi kehte hain ki seperate narak nahi hai. yahan (earth) ka accha bura kiya yahin par bhogna padhta hai. ( दोनों सत्य हैं । यहां भी भोगना पडता है । और सेपरेट नरक भी है । कुछ लोग तो खुलेआम पाप और बुरे कर्म करते हैं । फ़िर भी उनका जीवन मौज में कटता है । ऐसे कई उदाहरण हैं । इन्हीं को देखकर बहुत लोग कहते हैं । आजकल कलियुग में भगवान भी पापियों की ज्यादा सुनता हैं । लेकिन जैसे ही इनका पुन्य क्षय होता है । इनकी सजा शुरू हो जाती है । फ़िर वो इसी जीवन में हो जाय या आफ़्टर डैथ नरक के रूप में । ) shiv yog wale baba kehte the ki hum log (souls)is 5 element ke brahmand mein 5 element ka physical body le kar isko anubhav karne hi aate hain. ( जो जितना और जैसा जानता है । वैसी ही बात करता है । यहां एक बात और है । उस वक्त वो किस प्वाइंट पर बोल रहा है ? वो क्या कह रहा है । और आप उसको क्या समझ पा रहे हैं । इसमें बहुत बडा अंतर हो सकता है । मैं इन TV बाबाओं को कभी कभार किसी के साथ बातचीत आदि में बैठे होने पर उसके द्वारा ही TV आन करने पर ही देखता सुनता हूं । और आप लोगों की बातचीत से जानता हूं । निजी तौर पर मैं इन्हें कभी नहीं देखता । ) rajeev ji, jo baki ke brahmands hain kya 5 se kam ya zada elements ke hain. ( मेरी जानकारी के अनुसार 32 तत्व हैं । उदाहरण स्वर्ग । स्वर्ग ऐसे तत्वों का बना है । कि वहां के पेडों के पत्ते नहीं गिरते । फ़ूल कभी नहीं कुम्हलाते । पानी खराब नहीं होता । इसी तरह स्वर्ग मिलने वाली आत्माओं को मेल फ़ीमेल दोनों यंग एज @ 18 year जैसा शरीर मिल जाता है । जो वहां रहने तक वैसा ही सदा रहता है । लेकिन इन्हें कितने टाइम तक के लिये ये मिला है । ये शुरू से ही पता होता है । इनके हाथ में दिव्य फ़ूलों का एक गजरा टायप फ़िट होता है । जो लास्ट टायम आने पर आटोमेटिक कुम्हलाने लगता है । टाइम पूरा होते ही इन्हें नीचे गिरा दिया जाता है । बहुत ऊंचे आकाश में इंसान जिसको तारा टूटना कहते हैं । वो इन्हीं आत्माओं को समय पूरा होने पर गिराया जाता है । इसलिये स्वर्ग प्राप्त करने वाले देवता और अन्य आत्मायें स्वर्ग मिल जाने के बाद भी दुखी रहते हैं कि समय हो जाने पर उनको भी फ़ेंक दिया जायेगा । रामायण में लिखा है । एहि तन कर फ़ल विषय न भाई । स्वर्ग ऊ स्व अल्प अंत दुखदाई । ) and kya baki brahmands apne brahmand se bade ya small bhi hain. ( बडे । बहुत बडे । और छोटे सब तरह के हैं । ) and kya apni earth is poore universe mein bilkul centre mein hai ( नहीं ) to agar universes aur bhi hain to kya hamara universe kis sathaan par hai unke muqable. ( आपने मेले आदि में बच्चों का वो झूला देखा होगा । जिसमें लकडी आदि के घोडे एक राउंड में घूमते है । अगर वो झूला लगातार घूम रहा हो । तो बताईये उनमें से कोई एक घोडा किस स्थान पर है ? ) rajeev ji, jaise divya sadhna mein ya surat shabad sadhna mein suksham body universe ke alag places par ja kar waapas aa jati hai ( जी हां । ) ya is brahmand se nikal kar kisi aur brahmnad mein bhi chali jati hai and fir waapas aa jati hai. ( ऐसा भी होता है । पर डर के मारे कोई जाने को तैयार ही नहीं होता । तब मैं क्या करूं ? ) it means wahan tak to modern science ka supre rocket bhi nahi pahunch sakta. ( एक बृह्माण्ड से दूसरे बृह्माण्ड में जाने के लिये ब्लेकहोल जैसे स्थानों को पार करना होता है । ब्लेकहोल कृतिम ऊर्जा चाहे कितनी ही ज्यादा क्यों न हो । उसको सोखकर नष्ट कर देता है । पांच सौ वाट का बल्ब एक गहरे काले रंग से चिकनाई युक्त एज गीला काजल एज आयली पेंट कमरे में लगायें । वो प्रकाश को सोख लेगा । जबकि वाइट पेंट रूम को जगमग कर देगा । इसीलिये बेग्यानिक दूसरी प्रथ्वी नहीं खोज पायेंगे । जिन प्लेनेट पर वो जा सकते हैं । मून । मार्स आदि । यहां सूक्ष्म जीवन है । अतः उन्हें कोई और कभी नहीं मिलेगा । अदर प्लेनेट पर रहने का सपना देखना भी ख्याली पुलाव से अधिक नहीं है । ) rajeev ji, jesus ne param atama ko point of light kaha tha to kya atma bhi point of light hi hai? ( जिन लोगों को जीसस के अंतिम समय के बारे में पता है । उन्हें मालूम है । जीसस ने कहा था । कि मैं जो खुद को सन आफ़ गाड कहता था । यह मेरी गलतफ़हमी थी । तर्क बुद्धि वाले आधुनिक सोच वाले ईसाइयों ने जीसस के जीवन पर रिसर्च किया । और तमाम चौंकाने वाली बातें संसार को बताईं । लेकिन ये सच है । जीसस को कुन्डलिनी ग्यान था । वे एक अच्छे साधु थे । और उन्होंने भारत के किसी संत से ग्यान लिया था । क्रास पर लटकाने के बाद । जीसस अपने शिष्यों की सहायता से भागकर चुपचाप इंडिया आये । और अपने जख्मों का जडी बूटी से इलाज कराया । फ़िर अपने देश गये । इसी में लोगों ने नमक मिर्च लगाकर मर गये कि जिंदा हो गये । जैसी झूठी कहानियां बना दी और ऐसा सिर्फ़ जीसस के साथ नहीं किसी भी मशहूर हस्ती के साथ हुआ । भगवान राम कृष्ण जैसों को झूठी कहानियों के उस्तादों ने नहीं छोडा । ) and ye aatma and param atma dono Anaadi hain kya in do ke ilawa aur kuch bhi Anaadi nahi? ( अर्थ पर 75% वाटर है । इसका सोर्स आनली समुद्र ही है । यहीं से पानी भाप । बरसात । बादल । बर्फ़ आदि के रूप में रूप बदलता हुआ सभी जगह डिस्ट्रीब्यूट होता है । और नदी नालों हमारे घर आदि सभी जगह होता हुआ वापस टाइम आने पर समुद्र में चला जाता है । लेकिन समुद्र एक ही है । समुद्र से एक बूंद निकालिये । उसके गुण और पूरे समुद्र जल के गुण समान ही होंगे । लेकिन समुद्र वाली पावर एक बूंद में नहीं होगी । कुछ कुछ ऐसा ही खेल है ? आप दस लाख आइना ( मिरर ) जमीन पर दिन में लगायें । तो उनमें दस लाख सूर्य नजर आयेंगे । और उन मिरर से हल्की सी लाइट भी रिफ़लेक्ट होगी । अब सूर्य एक है या दस लाख ? आइने के सूर्य और रियल सूर्य में फ़र्क हरेक कोई समझ सकता है । कुछ कुछ ऐसा ही खेल है ? केवल परमात्मा ही अनादि है । और आत्मा उससे अलग नहीं है ।..शेष प्रश्नो के उत्तर अगले लेख में ।

1 टिप्पणी:

pappu ने कहा…

thanx a lot, rajeev ji, mujhe baki questions ke answers ka intezaar rahega.bye.